पटना.

कई दिनों से गर्मी और उमस से लोग परेशान हैं, लेकिन इस बीच औरंगाबाद में मंगलवार की शाम अचानक मौसम ने करवट बदला। तेज आंधी के साथ थोड़ी देर के लिए जमकर बारिश हुई। ओला वृष्टि भी हुई, जिससे रबी की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इस दौरानओले भी गिरे। बारिश, तेज आंधी की हवाओं के झोंके से बड़े-बड़े पेड़ पौधे जोर-जोर से हिलने लगे। कई जगह धरती से पेड़ उखड़ भी गए।

बेमौसम में तेज बारिश और ओला वृष्टि ने किसानों पर कहर ढ़ा दिया है। हजारों किसानों के फसल नष्ट हो गये जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। करीब 25-25 ग्राम वजन के ओलों के गिरने से किसान प्रभावित हुए हैं। हालांकि औरंगाबाद में जहां भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा था और तापमान 44 डिग्री तक चला गया था। वही मंगलवार की शाम हुई बेमौसम की बारिश ने गर्मी से परेशान लोगों को थोड़ी सी राहत जरूर दी है।

पेड़ पौधों को काफी नुकसान
मौसम का पारा भी लुढ़का है। मौसम का पारा अभी 35 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। वही ओला वृष्टि  और तेज आंधी ने आम के टिकोलो को बर्बाद कर दिया। टिकोले झड़ गए है। जहां-तहां पेड़-पौधे उखड़ गए और गिर भी गए हैं। तेज आंधी आने के बाद से बिजली भी गुल हो गई है। घंटे भर से बिजली गुल है। बिजली गुल होने से लोग उमस झेल रहे हैं, लेकिन अंततः बेमौसम बरसात ने लोगों को राहत जरुर दी है।

लतर वाली सब्जियों और मूंग की फसल को सर्वाधिक नुकसान
बेमौसम की इस बारिश और ओला वृष्टि ने लतर वाली सब्जियों, भिंडी, करेला, लौकी, टमाटर, खीरा, ककड़ी, बोदी, सहिजन एवं गरमा मूंग आदि की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया हैं। साथ ही खेतों में पककर गेहूं की फसल, सरसो, चना, मसूर, तीसी आदि की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। आंधी से लतर वाली फसलें जड़ से उखड़ गई है। इन फसलों की फूल व फलियां भी झड़ और उड़ गई है। गरमा मूंग की फसल आंधी से तहस-नहस हो गई। भिंडी, करेला, बोदी, गेंधारी साग, पालक, मेथी आदि साग-सब्जियों के खेतों को नुकसान पहुंचा है। किसानों को घाटा उठाना पड़ा है।  किसानों की मांग है कि बेमौसम की आंधी-पानी और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर उन्हे आपदा राहत के प्रावधान के तहत उचित मुआवजा दिया जाए। फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाएं।

Source : Agency