चेन्नई
तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) ने मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग को लेकर एक याचिका दायर की है। याचिका में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को मौजूदा चुनावी मौसम के दौरान कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दे।

याचिका में कहा गया है कि मोदी के नफरत भरे भाषणों के खिलाफ चुनाव आयोग में कई शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन उसने सीधे नरेंद्र मोदी से सवाल करने के बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केवल एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए मोदी "खुद अपराधी" हैं। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में कहा गया है, "मोदी इन भड़काऊ टिप्पणियों, अपमानजनक और विभाजनकारी भाषणों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। ईसीआई की यह उदारता नागरिकों को गलत संकेत भेजती है और हमारे देश की पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को कमजोर करती है।" इस मामले का उल्लेख आज न्यायमूर्ति एडी जगदीश चंदीरा और आर कलाईमथी की अवकाश पीठ के समक्ष किया गया।

हालांकि, बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह पहले इस मामले को पहले रजिस्ट्री के पास ले जाकर रजिस्टर कराए। यह याचिका टीएनसीसी ने अपने अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थागई के माध्यम से दायर की है। उन्होंने आज सुबह कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री ने 21 अप्रैल के बाद से कई चुनावी सभाओं में मुसलमानों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां की हैं।

अपनी याचिका में, उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को किसी भी तरह से जीतने का प्रयास कर रही है, और इसलिए, सांप्रदायिक आधार पर विभाजनकारी अभियान में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद मुसलमानों को "घुसपैठिया" और "अधिक बच्चे पैदा करने वाला" कहा था। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि मोदी ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र के बारे में भ्रामक और अपमानजनक टिप्पणी की है और भाजपा नेता को ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने से रोका जाना चाहिए।

मोदी की उस टिप्पणी पर भी विरोध दर्ज कराया गया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि "विपक्ष की जीत का मतलब होगा कि हिंदुओं की संपत्ति मुसलमानों के हाथों में चली जाएगी।" टीएनसीसी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने 1 मई को चेन्नई में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मोदी के "अपमानजनक बयानों और सांप्रदायिक बयानबाजी" के खिलाफ तत्काल और निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया गया। हालांकि, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसलिए, टीएनसीसी अध्यक्ष ने अब उच्च न्यायालय का रुख किया है और ईसीआई को मोदी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश देने की मांग की है।

 

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