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वह चौथी बार लोकसभा चुनाव ल़ड़े। 2014 में भाजपा से सांसद भी चुने गए। इससे पहले जिले की ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से पांच बार विधायक भी रहे थे।
72 वर्षीय सिंह ने मार्च माह में दांत का आपरेशन कराया था। तभी से वह अस्वस्थ चल रहे थे। 27 मार्च को नामांकन कराने के बाद जनसंपर्क में भी नहीं निकल सके थे। हालांकि, 12 अप्रैल को गृहमंत्री अमित शाह की मुरादाबाद और 15 अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ की लोकसभा क्षेत्र के बिजनौर के बढ़ापुरा में जनसभा में आए थे । लेकिन,अस्वस्थ होने के कारण उनका संबोधन नहीं हुआ था। 19 अप्रैल को उन्होंने पैतृक रतूपुरा गांव के बूथ पर मतदान किया था। स्वजन का कहना है, शनिवार की सुबह उन्हें उपचार के लिए एम्स ले जाया गया था। वहां हार्ट अटैक होने से मृत्यु हो गई।

1991 में पहली बार लड़े थे चुनाव
सर्वेश सिंह ने 1991 में पहली बार भाजपा के टिकट पर ठाकुरद्वारा सीट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। इसके बाद चार बार लगातार चुनाव जीतकर भाजपा के कद्दावर नेता बने। ठाकुरद्वारा सीट पर अभी तक पार्टी उनका विकल्प नहीं खोज पाई है।

पांच दावेदारों पर पड़े थे भारी
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के पांच दावेदारों के नाम केंद्रीय समिति को भेजे गए थे। इसमें सर्वेश सिंह, राजपाल सिंह चौहान, डा. शैफाली सिंह, डा. विजय चौहान और पूर्व राज्यसभा सदस्य व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम शामिल थे। इनमें से चार ठाकुर दावेदार थे। बता दें कि सर्वेश सिंह को भाजपा ने चौथी बार मुरादाबाद लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया था। 2009 में वह पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन से लगभग 50 हजार मतों से हारे थे। 2014 में उनके सामने सपा की टिकट पर डा. एसटी हसन थे। इस बार उन्होंने जीत दर्ज कर मुरादाबाद सीट पर भाजपा को पहली बार जीत दिलाई।

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